नई दिल्ली। पहले ही नोटंबदी के दर्द से कराह रही जनता पर हर रोज नए-नए नियम थोप दिए जा रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक एक बार फिर बुधवार को अपने ही एक फैसले से पलट गया।
सोमवार (19 दिसंबर) को भारतीय रिजर्व बैंक ने एक सर्कुलर जारी किया था कि अब एक बार में 5,000 से ज्यादा के 500 और 1,000 रुपए की करेंसी नोट कुछ सवालों का जवाब दिए जाने के बाद ही जमा किया जा सकेगा।
कहा गया था कि 5,000 रुपए से ज्यादा की रकम कम से कम दो अधिकारियों की मौजूदगी में जमा कराया जाएगा। सर्कुलर में यह भी कहा गया था कि इस बात का जवाब भी मांगा जाएगा कि यह अब से पहले क्यों नहीं जमा कराया जा सका?
वहीं इस फैसले के बाद मंगलवार (20 दिसंबर) के दिन से देश भर की कई बैंक शाखाओं से खबर थी कि 5,000 रुपए से ज्यादा की रकम को स्वीकार नहीं किया जा रहा हैं।
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लेकिन इन सब दिक्कतों को मद्देनजर रखते हुए आरबीआई ने बुधवार को फिर नया आदेश जारी करते हुए कहा कि एक बार 5,000 रुपए से ज्यादा जमा कराए जाने पर कोई पूछताछ नहीं होगी।
कहा गया है कि एक बार जमा करने की सीमा बनी रहेगी। इस मसले पर नए नोटिफिकेशन के अनुसार KYC खाताधारकों से सवाल नहीं किया जाएगा।
इससे पहले बैंक अधिकारियों ने कहा था...
इससे पहले मंगलवार को एक बड़े बैंक के अधिकारी ने आरबीआई के पुराने सर्कुलर पर कहा था कि आदेशों के मुताबिक ऐसी राशियां कम से कम 2 अधिकारियों की मौजूदगी में ही कराई जा सकती हैं।
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कई बैंकों में वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से मातहतों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वो राशि तभी जमा करें जब वो पूरी तरह से 'संतुष्ट' हों।
एक बैंक मैनेजर ने कहा था कि मैं कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहता। कल को 5,000 रुपए से ज्यादा की राशि को स्वीकार करने पर मुझसे सवाल किया जाए या फिर कोई जांच की जाए।
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