विधि मंत्रालय ने वित मंत्रालय के अल्प बचत खातो को आधार सीडिंग अनिवार्य के प्रस्ताव को ठुकुराया |

नोटबंदी ड्राइव शुरू करने से पहले वित्त मंत्रालय ने विधि मंत्रालय से राय मांगी थी की क्या आधार को लघु बचत योजना के लिए अनिवार्य बनाया जा सकता है ?
विधि मंत्रालय ने वित मंत्रालय के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है | हालाँकि वित मंत्रालय ने तर्क दिया था की सालाना 2 करोड़ रूपए से जयादा सकल जमा अल्प बचत से मिल रही है
नोटबंदी शुरू करने से पहले वित्त मंत्रालय ने विधि मंत्रालय की राय की थी क्या आधार, किसान विकास पत्र, पब्लिक प्रोविडेंट फंड, राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना और सुकन्या समृद्धि योजना की तरह छोटी बचत योजनाओं के लिए अनिवार्य बनाया जा सकता है या नहीं ?
वित मंत्रालय ने कहा था की खाताधारक 50000 रूपए से नीचे की जमा में पेन नंबर नहीं देते है | अत : एसे सभी खातो को एक आधार नंबर से तलाश किया जा सकता है |
विधि मंत्रालय ने 4 अक्टूबर को डीईए के प्रस्ताव को ठुकरा दिया और कहा कि अल्प बचत भारत की लोक लेखा कोष के तहत आती है न ही की संचित निधि में , इसलिए "आधार अधिनियम की धारा 7 के अर्थ के भीतर सेवा" के रूप में इन्हें अधिसूचित नहीं किया जा सकता |
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